अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता बचेगी या रद्द होगी? इलाहाबाद हाईकोर्ट कल सुनाएगा फैसला

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Afzal ansari, Samajwadi party- India TV Hindi

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अफजाल अंसारी, समाजवादी पार्टी

प्रयागराज:  गाज़ीपुर सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता रद्द होगी या बचेगी, इसका फैसला कल इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनाएगा। कल दोपहर करीब 12 बजे इस मामले पर कोर्ट का फैसला आनेवाला है। अफजाल अंसारी को पिछले साल गैंगस्टर मामले में मिली 4 साल की सजा से जुड़ी याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट सोमवार को फैसला सुनाएगा।

कृष्णानंद राय की हत्या के दर्ज हुआ था मामला

दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी की आपराधिक अपील पर 4 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। अंसारी ने गाजीपुर की एक अदालत द्वारा गैंगस्टर कानून के तहत एक मामले में सुनाई गई चार साल की सजा को चुनौती दी है। अफजाल के खिलाफ यह मामला, भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 2005 में हत्या के बाद दर्ज किया गया था। मौजूदा आपराधिक अपील के साथ ही यह अदालत इसी मामले में अफजाल की सजा बढ़ाने की राज्य सरकार और कृष्णानंद राय के बेटे पीयूष राय की अपील पर भी सुनवाई कर रही है। यह अपील इस मायने में महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि अफजाल की दोषसिद्धि बरकरार रखी जाती है तो उनकी सांसदी चली जाएगी क्योंकि उन्हें दो साल से अधिक के कारावास की सजा सुनाई गई है।

2024 में गाजीपुर सीट से जीता लोकसभा चुनाव

अफजाल अंसारी ने 2024 लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर गाजीपुर सीट से चुनाव जीता है। गाजीपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने 29 अप्रैल, 2023 को अफजाल को गैंगस्टर कानून के मामले में दोषी करार दिया था और चार साल की जेल की सजा सुनाई थी और साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। अदालत ने अफजाल के भाई मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए उसे 10 वर्ष के जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद, अफजाल सांसद के तौर पर अयोग्य हो गए जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में मौजूदा आपराधिक अपील दायर की। 

सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर लगाई रोक

हाईकोर्ट ने 24 जुलाई, 2023 को अफजाल को जमानत दे दी, लेकिन इस मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप उनकी सांसदी बहाल नहीं हुई। साथ ही वह भविष्य में चुनाव लड़ने के अयोग्य हो गए क्योंकि उन्हें सुनाई गई सजा दो वर्ष से अधिक की थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी जिसके परिणाम स्वरूप उनकी सांसदी बहाल हो गई और वह लोकसभा चुनाव लड़ने के योग्य हो गए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में लंबित आपराधिक अपील पर तेजी से सुनवाई करने का निर्देश दिया। (इनपुट-भाषा)

 

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Balbir Rana
Author: Balbir Rana

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